इंटरव्यू , टेस्ट और कैरियर काउंसलिँग के आलावा अपने आइडियल जाँब या कैरियर की दिशा जानने के लिए अब आपके पास दिमाग की स्कैनिँग एक अच्छा विकल्प हो सकता है। - व्यक्ति की कमजोरी और स्ट्रेँथ दोनो के लिए ही मस्तिष्क की बनावट जिम्मेदार होती है। हाल ही मेँ प्रोफेसर रिचर्ड हैयर की रिसर्च ने यह साबित कर दिया है कि हमारे दिमाग का ग्रे पार्ट (Grey metter) गणना ( calculation) करने के लिए प्रयोग मेँ आता है और सफेद पार्ट (White metter) कम्यूनिकेशन मेँ काम आता है।
(1.) ग्रे पार्ट दिमाग के जिस हिस्से मेँ होता है , उसकी मैपिँग करने से यह भी पता चल जाता है कि व्यक्ति अंको के विषय को सीखने और समझने मेँ कितना अच्छा रहेगा। अतः जो व्यक्ति तर्क-वितर्क और मेमोरी टेस्ट मेँ अच्छे होते हैँ , उनके दिमाग मेँ ग्रे मेटर अधिक होता है।
(2.) सफेद पार्ट (White metter) दिमाग के जिस हिस्से मेँ होता है उसकी मैपिँग करने से व्यक्ति की कम्यूनिकेशन शक्ति का पता चल जाता है।
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5 comments:
आपने बहुत अच्छी जानकारी दी। धन्यवाद!
Brain के वषय मेँ बढ़िया जानकारी हैँ । शुभकामनाएँ
दिमाग की स्कैनिँग की भरपूर जानकारी के लिए धन्यवाद।
आप सभी का आपकी स्नेह रुपी टिप्पणियोँ के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
सर में आपसे जानना चाहता हू ही मेरा एक तरफ का जबरा गाल का थोडा बढता है क्या करू MY EMAIL ID SHUKLAUPENDRA890@GMAIL.COM
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