हल्दी अपने औषधीय और सौंदर्यवर्धक
गुणों के कारण रसोई की शान रही है। चटक
पीले रंग के कारण भारतीय केसर के नाम से
भी प्रसिद्ध हल्दी पौष्टिक गुणों से
भरी हुई है।
हड्डियों को मजबूत बनाए:- रात को सोते समय हल्दी की एक इंच लंबी कच्ची गांठ को एक गिलास दूध में उबालें। थोड़ा ठंडा होने पर इसे पी लें।
ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों का खतरा कम होता है।
गठिया का इलाज:- हल्दी इस रोग के इलाज के लिए अनूठा घरेलू प्राकृतिक उपाय है। सुबह
खाली पेट एक गिलास गर्म दूध में एम चम्मच
हल्दी मिलाकर पीने से गठिया के दर्द में
राहत मिलती है।
एनीमिया के उपचार में प्रभावी:- लोहे से समृद्ध हल्दी एनीमिया के इलाज के प्राकृतिक उपायों में एक है। कच्ची हल्दी से निकाला गया आधा चम्मच रस एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीना फायदेमंद है।
दंत रोगों में गुणकारी:- थोड़ी-सी हल्दी, नमक और सरसों का तेल मिलाएं। दांतों को मजबूत बनाने के लिए रोजाना इस मिश्रण से दांतों और
मसूड़ों की ब्रशिंग करें।
कच्ची हल्दी की गांठ को अच्छी तरह भूनकर पीस लें। पिसे मिश्रण से दर्द वाले दांत की मालिश करें। आराम मिलेगा। कच्ची हल्दी के कसैले रस से मालिश करने पर दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं, उनकी सूजन दूर होती है और दांत के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
मुंह के छालों से छुटकारा:- एक गिलास पानी में कुछ हल्दी मिला कर कुल्ला करने से मुंह के छालों में आराम मिलता है।
खांसी में राहत:- खांसी में कफ की समस्या होने पर एक गिलास गर्म दूध में एक-चौथाई चम्मच
हल्दी मिलाकर पीना फायदेमंद है। पुरानी खांसी या अस्थमा के लिए आधा चम्मच शहद में एक-चौथाई चम्मच हल्दी अच्छी तरह मिलाकर चाटने से आराम मिलता है।
गुमचोट के इलाज में सहायक:-एक गिलास गर्म दूध में एक टी-स्पून हल्दी मिलाकर पीने से चोट के दर्द और सूजन में राहत मिलती है। चोट पर हल्दी और पानी का लेप लगाने से आराम मिलता है। आधा लीटर गर्म पानी, आधा चम्मच सेंधा नमक और एक चम्मच हल्दी डाल कर अच्छी तरह मिलाएं। इस पानी में एक कपड़ा डाल कर निचोड़ लें और चोट वाली जगह पर इससे सिंकाई करें।
घावों पर मरहम:- घी या तेल में हल्दी मिलाएं। इसे थोड़ा गर्म करके घाव के ऊपर लगाकर
ड्रेसिंग करें। हल्दी को पानी के साथ मिक्स करके भी घाव पर मोटा लेप लगाने से आराम मिलता है। इससे घाव का बहता हुआ खून भी रुक सकता है।
टाइप 2 के मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद:-
हल्दी में मौजूद कुरकूमिन ब्लड शुगर को कम
करता है और ग्लूकोज के चयाचपय को बढ़ाकर मधुमेह को नियंत्रित रखता है। दिन में भोजन के साथ आधा-आधा चम्मच हल्दी पाउडर के सेवन से आराम मिलता है।
गुणों के कारण रसोई की शान रही है। चटक
पीले रंग के कारण भारतीय केसर के नाम से
भी प्रसिद्ध हल्दी पौष्टिक गुणों से
भरी हुई है।
हड्डियों को मजबूत बनाए:- रात को सोते समय हल्दी की एक इंच लंबी कच्ची गांठ को एक गिलास दूध में उबालें। थोड़ा ठंडा होने पर इसे पी लें।
ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों का खतरा कम होता है।
गठिया का इलाज:- हल्दी इस रोग के इलाज के लिए अनूठा घरेलू प्राकृतिक उपाय है। सुबह
खाली पेट एक गिलास गर्म दूध में एम चम्मच
हल्दी मिलाकर पीने से गठिया के दर्द में
राहत मिलती है।
एनीमिया के उपचार में प्रभावी:- लोहे से समृद्ध हल्दी एनीमिया के इलाज के प्राकृतिक उपायों में एक है। कच्ची हल्दी से निकाला गया आधा चम्मच रस एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पीना फायदेमंद है।
दंत रोगों में गुणकारी:- थोड़ी-सी हल्दी, नमक और सरसों का तेल मिलाएं। दांतों को मजबूत बनाने के लिए रोजाना इस मिश्रण से दांतों और
मसूड़ों की ब्रशिंग करें।
कच्ची हल्दी की गांठ को अच्छी तरह भूनकर पीस लें। पिसे मिश्रण से दर्द वाले दांत की मालिश करें। आराम मिलेगा। कच्ची हल्दी के कसैले रस से मालिश करने पर दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं, उनकी सूजन दूर होती है और दांत के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
मुंह के छालों से छुटकारा:- एक गिलास पानी में कुछ हल्दी मिला कर कुल्ला करने से मुंह के छालों में आराम मिलता है।
खांसी में राहत:- खांसी में कफ की समस्या होने पर एक गिलास गर्म दूध में एक-चौथाई चम्मच
हल्दी मिलाकर पीना फायदेमंद है। पुरानी खांसी या अस्थमा के लिए आधा चम्मच शहद में एक-चौथाई चम्मच हल्दी अच्छी तरह मिलाकर चाटने से आराम मिलता है।
गुमचोट के इलाज में सहायक:-एक गिलास गर्म दूध में एक टी-स्पून हल्दी मिलाकर पीने से चोट के दर्द और सूजन में राहत मिलती है। चोट पर हल्दी और पानी का लेप लगाने से आराम मिलता है। आधा लीटर गर्म पानी, आधा चम्मच सेंधा नमक और एक चम्मच हल्दी डाल कर अच्छी तरह मिलाएं। इस पानी में एक कपड़ा डाल कर निचोड़ लें और चोट वाली जगह पर इससे सिंकाई करें।
घावों पर मरहम:- घी या तेल में हल्दी मिलाएं। इसे थोड़ा गर्म करके घाव के ऊपर लगाकर
ड्रेसिंग करें। हल्दी को पानी के साथ मिक्स करके भी घाव पर मोटा लेप लगाने से आराम मिलता है। इससे घाव का बहता हुआ खून भी रुक सकता है।
टाइप 2 के मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद:-
हल्दी में मौजूद कुरकूमिन ब्लड शुगर को कम
करता है और ग्लूकोज के चयाचपय को बढ़ाकर मधुमेह को नियंत्रित रखता है। दिन में भोजन के साथ आधा-आधा चम्मच हल्दी पाउडर के सेवन से आराम मिलता है।