विटामिन ए से युक्त दवा आपको उम्र बढ़ने के साथ
होने वाली दृष्टिहीनता से बचा सकती हैं। शोधकर्ताओं
के मुताबिक यह दवा बुढापे में होने वाली दृष्टिहीनता
के सबसे सामान्य कारणों को दूर करती है।
शोधकर्ताओ द्वारा प्रस्तुत नई दवा "फेनरीटिनाइड" उम्र
बढ़ने के साथ मांसपेशियों में होने वाली क्षति को रोकती
है। इसे रोकने के लिए अब तक कोई इलाज उपलब्ध
नहीं था। यह दवा रेटिना के उस हिस्से की कोशिकाओं
की क्षति और मृत्यु को रोकती हैं जो सामने की ओर
सीधी दृष्टि के लिए आवश्यक होती है। पहले रेटिना की
ये कोशिकाएं नष्ट हो जाने से दृष्टि के बीचों-बीच एक
काला धब्बा बना दिखाई देता था। इस बजह से लोगों
को रोजमर्रा के कामों जैसे पढ़ने, वाहन चलाने या
टेलीविजन देखने में परेशानी होती है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने विटामिन ए से निकाले गए
"फेनरीटिनाइड" का अध्ययन किया था। यह विटामिन
गाजर में पाया जाता है और मुख्य रुप से गठिया की
बीमारी को रोकता है। अध्ययन में रेटिना में कोशिकाओं
के मृत होने के कारण दृष्टिहीनता का शिकार हो रहें
250 स्त्रियों और पुरुषों पर शोध किया गया। अध्ययन
के परिणाम बताते है कि दवा की अधिक खुराक देने
से एक साल के अन्दर दृष्टिहीनता रुक गई। इससे स्पष्ट
होता है कि यह दवा पहले से ही मृत कोशिकाओं के
लिए तो कुछ नहीं कर सकती, परन्तु स्वस्थ कोशिकाओं
को बचा सकती है।
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> प्रेरक-विचार
> बचत और निवेश
होने वाली दृष्टिहीनता से बचा सकती हैं। शोधकर्ताओं
के मुताबिक यह दवा बुढापे में होने वाली दृष्टिहीनता
के सबसे सामान्य कारणों को दूर करती है।
शोधकर्ताओ द्वारा प्रस्तुत नई दवा "फेनरीटिनाइड" उम्र
बढ़ने के साथ मांसपेशियों में होने वाली क्षति को रोकती
है। इसे रोकने के लिए अब तक कोई इलाज उपलब्ध
नहीं था। यह दवा रेटिना के उस हिस्से की कोशिकाओं
की क्षति और मृत्यु को रोकती हैं जो सामने की ओर
सीधी दृष्टि के लिए आवश्यक होती है। पहले रेटिना की
ये कोशिकाएं नष्ट हो जाने से दृष्टि के बीचों-बीच एक
काला धब्बा बना दिखाई देता था। इस बजह से लोगों
को रोजमर्रा के कामों जैसे पढ़ने, वाहन चलाने या
टेलीविजन देखने में परेशानी होती है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने विटामिन ए से निकाले गए
"फेनरीटिनाइड" का अध्ययन किया था। यह विटामिन
गाजर में पाया जाता है और मुख्य रुप से गठिया की
बीमारी को रोकता है। अध्ययन में रेटिना में कोशिकाओं
के मृत होने के कारण दृष्टिहीनता का शिकार हो रहें
250 स्त्रियों और पुरुषों पर शोध किया गया। अध्ययन
के परिणाम बताते है कि दवा की अधिक खुराक देने
से एक साल के अन्दर दृष्टिहीनता रुक गई। इससे स्पष्ट
होता है कि यह दवा पहले से ही मृत कोशिकाओं के
लिए तो कुछ नहीं कर सकती, परन्तु स्वस्थ कोशिकाओं
को बचा सकती है।
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