गठिया के रोगियों के लिए सावधान होने का समय आ गया है।
सर्दियों की शुरुआत से ही खान-पान से लेकर शारीरिक सक्रियता
का ध्यान रखना दर्द में राहत देगा।
खान-पान नियंत्रित करें सबसे पहले तो सर्दियों में खान-पान पर विशेष ध्यान देना होगा। ज्यादा खाने-पिने की आदतों को नियंत्रित करना होगा। यदि किसी व्यक्ति को गठिया है और वह ज्यादा खाए तो उसका वजन और बढ़ सकता है।वजन से पैरों पर और जोर बढ़ेगा तो दर्द और बढ़ेगा,इसलिए वजन कम करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। खाने में वे चीजें कम लें,जो वजन बढ़ाने वाली होती हैं। मद्यपान एवं धूम्रपान से परहेज करना चाहिए।
शारीरिक गतिविधियां जरी रखें औषधियों के साथ-साथ जोड़ों के व्यायाम,शारीरिक क्रियाशीलता,मांसपेशियों के व्यायाम या फिजियोथेरेपी गठिया के उपचार में भूमिका निभाते हैं। यह दर्द और जकड़न को कम करने में सहायक सिद्ध होते हैं।व्यायाम से जोड़ों में लचीलापन,गतिशीलता एवं मांसपेशियों को शक्ति मिलती है। तीन प्रकार के व्यायाम करने चाहिए। ● गतिशीलता को बढ़ाने वाले व्यायाम,जिनमें जोड़ों की सामान्य स्थिति बनी रहे एवं उनमें जड़ता उत्पन्न न हो पाए। ● मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करने वाले व्यायाम। ● एरोबिक व्यायाम,जिनसे दिल में रक्त संचालन तेज हो और वजन भी नियंत्रित रहे।वजन जितना कम होगा,रोग उतनी जल्दी ठीक होगा।
धूप सेकें सर्दियों में एक तो धूप कम आती है,दूसरे लोग बाहर भी कम निकलते हैं। गठिया से ग्रसित और इससे बचने के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा धूप सेंकनी चाहिए।धूप से विटामिन-डी मिलता है,जिसकी कमी से प्रतिरोधक तंत्र कमजोर होने लगता है।विटामिन-डी हड्डियों के लिए खुराक का कार्य करता है।
सकारात्मक सोच रखें कई बार सर्दियों में लोग उदास रहने लगते हैं। रोगियों की तकलीफ बढ़ने लगती है तो वे निराश व नकारात्मक हो जाते हैं। मौसम से उत्पन्न उदासी से बचने के लिए परिजनों के साथ समय बिताएं और विश्राम एवं श्रम में संतुलन बनाएं।
खान-पान नियंत्रित करें सबसे पहले तो सर्दियों में खान-पान पर विशेष ध्यान देना होगा। ज्यादा खाने-पिने की आदतों को नियंत्रित करना होगा। यदि किसी व्यक्ति को गठिया है और वह ज्यादा खाए तो उसका वजन और बढ़ सकता है।वजन से पैरों पर और जोर बढ़ेगा तो दर्द और बढ़ेगा,इसलिए वजन कम करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। खाने में वे चीजें कम लें,जो वजन बढ़ाने वाली होती हैं। मद्यपान एवं धूम्रपान से परहेज करना चाहिए।
शारीरिक गतिविधियां जरी रखें औषधियों के साथ-साथ जोड़ों के व्यायाम,शारीरिक क्रियाशीलता,मांसपेशियों के व्यायाम या फिजियोथेरेपी गठिया के उपचार में भूमिका निभाते हैं। यह दर्द और जकड़न को कम करने में सहायक सिद्ध होते हैं।व्यायाम से जोड़ों में लचीलापन,गतिशीलता एवं मांसपेशियों को शक्ति मिलती है। तीन प्रकार के व्यायाम करने चाहिए। ● गतिशीलता को बढ़ाने वाले व्यायाम,जिनमें जोड़ों की सामान्य स्थिति बनी रहे एवं उनमें जड़ता उत्पन्न न हो पाए। ● मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करने वाले व्यायाम। ● एरोबिक व्यायाम,जिनसे दिल में रक्त संचालन तेज हो और वजन भी नियंत्रित रहे।वजन जितना कम होगा,रोग उतनी जल्दी ठीक होगा।
धूप सेकें सर्दियों में एक तो धूप कम आती है,दूसरे लोग बाहर भी कम निकलते हैं। गठिया से ग्रसित और इससे बचने के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा धूप सेंकनी चाहिए।धूप से विटामिन-डी मिलता है,जिसकी कमी से प्रतिरोधक तंत्र कमजोर होने लगता है।विटामिन-डी हड्डियों के लिए खुराक का कार्य करता है।
सकारात्मक सोच रखें कई बार सर्दियों में लोग उदास रहने लगते हैं। रोगियों की तकलीफ बढ़ने लगती है तो वे निराश व नकारात्मक हो जाते हैं। मौसम से उत्पन्न उदासी से बचने के लिए परिजनों के साथ समय बिताएं और विश्राम एवं श्रम में संतुलन बनाएं।