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मंगलवार, 14 अक्टूबर 2014

अनेक दुःखों में कारगर है हल्दी।

हल्दी अपने औषधीय और सौंदर्यवर्धक गुणों के कारण रसोई की शान रही है। चटक पीले रंग के कारण भारतीय केसर के नाम से भी प्रसिद्ध हल्दी पौष्टिक गुणों से भरी हुई है। हड्डियों को मजबूत बनाए:- रात को सोते समय हल्दी की एक इंच लंबी कच्ची गांठ को एक गिलास दूध में उबालें। थोड़ा ठंडा होने पर इसे पी लें। ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों का खतरा कम होता है। गठिया का इलाज:- हल्दी इस रोग के इलाज के लिए अनूठा घरेलू प्राकृतिक उपाय है। सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म दूध में एम चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से गठिया के दर्द में राहत मिलती है। एनीमिया के उपचार में प्रभावी:- लोहे से समृद्ध हल्दी एनीमिया के इलाज के प्राकृतिक उपायों में एक है। कच्ची हल्दी से निकाला गया आधा चम्मच...

शनिवार, 13 नवंबर 2010

वायरल, डेगूँ तथा चिकुनगुनिया से बचने का तरीका तथा प्रभावी इलाज

चिकुनगुनिया, डेँगूँ तथा वायरल से सभी लोग भयभीत है क्योँकि यह बीमारियाँ बहुत ही खतरनाक रूप लेती जा रही है।चिकुनगुनिया का वायरस शरीर मेँ प्रवेश करने के बाद 2 से 4 दिन का समय फैलने मेँ लेता है। लक्षण :-  (1.) सर्दी के साथ तेज बुखार जिसमेँ शरीर का ताप 39 डिग्री सेo          या 102.96 डिग्री फारेo रहता है।  (2.) इसमेँ पहले धड़ और फिर हाथोँ तथा पैरोँ पर चकते बन जाते हैँ। (3.) माँसपेशियोँ मेँ दर्द के साथ सूजन। (4.) सिर दर्द, पेट मेँ दर्द, प्रकाश से भय लगना तथा आँखोँ मेँ दर्द होना। इसमेँ बुखार 2 से 3 दिन तक रहता है और फिर अचानक समाप्त हो जाता है। इसके उपरान्त काफी लम्बे समय तक जोड़ोँ मेँ दर्द तथा सूजन रहती हैँ। इस रोग से रोगी का पूर्णतः ठीक होना उसकी उम्र पर निर्भर करता है। जवान लोग= 5 से 15 दिन मेँ मध्य आयु वर्ग= 1 से ढाई महिने मेँ बुजुर्ग...

 
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