आमतौर पर कोई भी सामान्य बच्चा पूरे साल मेँ किसी वयस्क के
मुकाबले 3 गुना अधिक अल्ट्रा वाँयलेट किरणोँ को ग्रहण करता हैँ।
एक व्यक्ति जीवनभर मेँ जितना अल्ट्रा वाँयलेट किरणोँ के प्रभाव
को ग्रहण करता हैँ , उसका 80 प्रतिशत वह 18 साल तक झेल लेता हैँ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर मेँ हर साल होने
वाली दृष्टिहीनता मेँ 1 करोड़ 70 लाख मोतियाबिँद के कारण होती हैँ।
तेज रोशनी दृष्टि को खराब करती है। ऐसे मेँ बच्चे की आँखोँ को सुरक्षा
देने का प्रयास करेँ। इसके लिए बच्चोँ के चश्मेँ मेँ फोटोक्रोमिक लैँस का
प्रयोग करना एक बेहतर विकल्प हैँ।
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> प्रेरक-विचार
> बचत और निवेश
मुकाबले 3 गुना अधिक अल्ट्रा वाँयलेट किरणोँ को ग्रहण करता हैँ।
एक व्यक्ति जीवनभर मेँ जितना अल्ट्रा वाँयलेट किरणोँ के प्रभाव
को ग्रहण करता हैँ , उसका 80 प्रतिशत वह 18 साल तक झेल लेता हैँ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर मेँ हर साल होने
वाली दृष्टिहीनता मेँ 1 करोड़ 70 लाख मोतियाबिँद के कारण होती हैँ।
तेज रोशनी दृष्टि को खराब करती है। ऐसे मेँ बच्चे की आँखोँ को सुरक्षा
देने का प्रयास करेँ। इसके लिए बच्चोँ के चश्मेँ मेँ फोटोक्रोमिक लैँस का
प्रयोग करना एक बेहतर विकल्प हैँ।
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