शरीर में आखिर किस वजह से हाई ब्लड प्रेशर होता है, ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने यह जानने का दावा किया है। अब हाई बीपी के इलाज के नए तरीके ढूंढे जा सकते हैं।
शरीर किस तरह से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है, इसके एक जरूरी स्टेप के बारे में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने पता लगाया है। यह भी पता चला है कि इस प्रक्रिया में कब गड़बड़ी हो जाती है। स्टडी से जुड़े प्रो. रॉबिन कैरल कहते हैं, मुख्य प्रक्रिया का पहला कदम जान लिया है। रिसर्चरों का मानना है कि इस प्रक्रिया को फोकस में रखकर गड़बड़ियां रोकी जा सकती हैं और हाइपरटेंशन पर काबू पाया जा सकेगा।
मौजूदा दवाइयों का फोकस ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाली प्रक्रिया के आखिरी स्टेज पर होता है। नई स्टडी से उम्मीद है कि शुरुआती स्थिति में ही हाई ब्लड प्रेशर रोका जा सकेगा। दुनिया भर में लाखों लोग हाइपरटेंशन से परेशान हैं। इससे उन्हें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा होता है।
रिसर्चरों ने यह जानकारी तब हासिल की, जब वे प्री-इक्लेम्पसिया की स्टडी कर रहे थे। प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की यह स्थिति जच्चा-बच्चा दोनों के लिए जानलेवा हो सकती है। ब्लड प्रेशर पर कंट्रोल एंजियोटेंसिन नाम के हार्मोन्स के जरिए होता है। इसकी बड़ी डोज रक्त नलिकाओं को सिकोड़ देती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
20 बरस से स्टडी कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि हमने इन हार्मोन्स के विकास का पहला स्टेप ढूंढ लिया है। अब हम ऐसा इंतजाम करेंगे, जिससे यह हार्मोन अधिक मात्रा में विकसित हो। इससे हाई ब्लड प्रेशर की शुरुआत को ही रोका जा सकेगा। महज 10 साल में गोली भी आ सकती है। प्री-इक्लेम्पसिया का भी नया इलाज ढूंढा जा सकता है।
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शरीर किस तरह से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है, इसके एक जरूरी स्टेप के बारे में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने पता लगाया है। यह भी पता चला है कि इस प्रक्रिया में कब गड़बड़ी हो जाती है। स्टडी से जुड़े प्रो. रॉबिन कैरल कहते हैं, मुख्य प्रक्रिया का पहला कदम जान लिया है। रिसर्चरों का मानना है कि इस प्रक्रिया को फोकस में रखकर गड़बड़ियां रोकी जा सकती हैं और हाइपरटेंशन पर काबू पाया जा सकेगा।
मौजूदा दवाइयों का फोकस ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाली प्रक्रिया के आखिरी स्टेज पर होता है। नई स्टडी से उम्मीद है कि शुरुआती स्थिति में ही हाई ब्लड प्रेशर रोका जा सकेगा। दुनिया भर में लाखों लोग हाइपरटेंशन से परेशान हैं। इससे उन्हें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा होता है।
रिसर्चरों ने यह जानकारी तब हासिल की, जब वे प्री-इक्लेम्पसिया की स्टडी कर रहे थे। प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की यह स्थिति जच्चा-बच्चा दोनों के लिए जानलेवा हो सकती है। ब्लड प्रेशर पर कंट्रोल एंजियोटेंसिन नाम के हार्मोन्स के जरिए होता है। इसकी बड़ी डोज रक्त नलिकाओं को सिकोड़ देती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
20 बरस से स्टडी कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि हमने इन हार्मोन्स के विकास का पहला स्टेप ढूंढ लिया है। अब हम ऐसा इंतजाम करेंगे, जिससे यह हार्मोन अधिक मात्रा में विकसित हो। इससे हाई ब्लड प्रेशर की शुरुआत को ही रोका जा सकेगा। महज 10 साल में गोली भी आ सकती है। प्री-इक्लेम्पसिया का भी नया इलाज ढूंढा जा सकता है।
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