दिल के दौरे या स्ट्रोक से
दिलोदिमाग के टिश्यु को
होने वाले नुकसान को अब
काफी हद तक रोका जा
सकेगा ।
Scientists ने ऐसी दवा
खोजने का दावा किया है ,
जिसे समय रहते देने पर
टिश्यु को होने वाले नुकसान
को 60 प्रतिशत तक रोका
जा सकेगा । इस दवा का
इस्तेमाल ऐसी सर्जरी के
दौरान भी किया जा सकेगा,
जिसमेँ टिश्युज को ज्यादा
नुकसान हो सकता है ।
दिल का दौरा या स्ट्रोक
पड़ने पर दिल या दिमाग
के टिश्युज को आँक्सीजन
और पोषक तत्वोँ की
सप्लाई रूक जाती है ।
इससे टिश्युज क्षतिग्रस्त
होने लगते हैँ । इन पर कहर
तब टूटता है , जब दवाओँ
आदि के जरिए खून की
सप्लाई को बहाल किया
जाता है । इसके बहाल होते
ही शरीर की प्रतिरक्षण
प्रणाली इन क्षतिग्रस्त
टिश्युज को 'दुश्मन' मानते
हुए इन पर टूट पड़ती है।
इसके कारण स्ट्रोक या दिल
के दौरे से दिमाग और दिल
को कई बार स्थायी नुकसान
पहुँच जाता है। दिल और
दिमाग के सेल्स को इन हालात मेँ बचाना डाँक्टरोँ
के लिए एक बड़ी चुनौती
हैँ।
International scientists की टीम ने एक
अर्से की मेहनत के बाद एक
एंजाइम का पता लगाया ,
जो स्ट्रोक या दौरे के बाद
क्षतिग्रस्त टिश्युज पर
प्रतिरक्षण प्रणाली के हमले
मेँ मुख्य भूमिका निभाता है।
फिर इस एंजाइम को
जरूरत के समय निष्क्रिय
या कम सक्रिय करने के
लिए एक ऐसे रोग
प्रतिरोधी एंटीबाँडी का विकास किया गया
मैं गेहूं हूँ
-
लेखक डॉ. ओ.पी.वर्मा
मैं किसी पहचान का नहीं हूं मोहताज
मेरा नाम गेहूँ है, मैं भोजन का हूँ सरताज
अडानी, अंबानी को रखता हूँ मुट्ठी में
टाटा, बिरला दौड़े आ...
4 वर्ष पहले
2 comments:
Behtreen Jankari di hai Ashok bhai...
एक जरुरी पोस्ट हमारी जानकारी के लिए आभार
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