बुधवार, 5 जनवरी 2011

भविष्य की बीमारियोँ की पहचान हुई आसान

अगर सब कुछ ठीक रहा तो वह दिन दूर नहीँ जब आपको होने वाली आनुवांशिक बीमारी का पता पहले ही चल जाएगा ।
ब्रिटेन के Scientists ने एक ऐसी नई तकनीक विकसित करने का दावा किया है,
जो किसी भी व्यक्ति के जीनोम को कुछ मिनटोँ मेँ ही तैयार कर सकता है । वह भी मौजूदा खर्चोँ की तुलना मेँ बेहद कम दामोँ पर ।


दरअसल शरीर का सारा राज जीन मेँ छुपा होता है । इसके भंडार को जीनोम कहते है । हमारा जीनोम 31 लाख अलग अलग फाँर्मूलोँ से बना है । इन्हीँ फाँर्मूलोँ मेँ छुपा है सारा राज ।

इंपीरियल काँलेज लंदन की एक टीम ने इस तकनीक का पेटेँट कराया है । इसके तहत आगामी दस साल मेँ बहुत ही तेजी से व्यावसायिक तौर पर DNA की सीक्वेँसिग की जा सकेगी ।
इससे साफ है कि इंसान के DNA को डिकोड करके यह बताया जा सकता है कि आगे वह कौन सी बीमारी का शिकार होगा ।
यह शोध नैनो जर्नल मेँ प्रकाशित हुआ है ।
शोधकर्ताओँ ने पाया कि प्रयोगशाला मेँ एक प्रक्रिया के माध्यम से ही पूरे जीनोम को सीक्वेँस किया जा सकेगा । वर्तमान मेँ इसे जटिल तरीके से छोटे छोटे टुकड़ोँ मेँ तोड़कर लंबे समय मेँ क्रमबद्ध किया जाता है ।
Scientists का कहना है कि तेजी से और कम खर्च पर होने वाले इस जीनोम सीक्वेँसिँग से लोगोँ के DNA के राज तुरंत खुल जाऐँगे और उनमेँ अल्जाइमर्स , डायबिटीज और कैंसर होने की आशंका का पता चल सकेगा ।
प्रमुख शोधकर्ता डाँ. जोशुआ ईडेल ने कहा , "वर्तमान तकनीक की तुलना मेँ यह युक्ति ज्यादा किफायती है ।"


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1 comments:

Shah Nawaz ने कहा…

बेहतरीन जानकारी दी अशोक भाई....

 
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