हर किसी के जीवन में एक
न एक दिन ऐसा पल आता
है जब वह शादी के बंधन में
बंधता है। हालांकि किसी के
जीवन में ये पल जल्दी
आता है, तो किसी के जीवन
में देर में। आप शादी के
बंधन में बंधने के बाद कई
अच्छी बुरी परिस्थितियों से
गुजरते हैं। शोधों से भी यह
बात स्पष्ट हो चुकी है कि
शादी का बंधन पुरूषों को
तंदरूस्त बनाता है और
महिलाओं के मानसिक
स्वास्थ्य को बेहतर बनाता
है। हालांकि देर से शादी
करने में भी कोई बुराई
नहीं। आइए जानें शादी से
सेहत कैसे बनती है।
> जाहिर सी बात है कि
यदि कोई आपकी सही
देखभाल और अतिरिक्त
केयर करने वाला मिलेगा
तो आप निश्चिततौर पर
स्वस्थ होंगे।
> शादी का बंधन ऐसा
तोहफा है जिससे आपका
साथी न सिर्फ आपको
भावनात्मक सपोर्ट करता है
बल्कि आपकी इच्छा-
अनिच्छा का भी खास
ख्याल रखता है।
> शोधों में यह बात
सुनिश्चित हो चुकी हैं कि
एक दूसरे की परवाह करने
वाले कपल एकल जीवन
जीने वालों की तुलना में
ज्यादा खुशहाल और स्वस्थ
रहते हैं।
> दरअसल, शादीशुदा
पुरुष इसलिए स्वस्थ रहते
हैं क्योंकि उनकी पत्नियां
उनकी अच्छे से देखरेख
करती है और वहीं दूसरी
और पुरुष महिलाओं को
भावनात्मक रूप से सहारा
देते हैं।
> आमतौर पर कहा जाता है
कि खुशी इंसान को न सिर्फ
हेल्दी जीवन देती है बल्कि
तनावमुक्त रखती है और
प्यार ऐसा भावनात्मक
लगाव है जो अतिरिक्त
देखभाल के साथ-साथ
तनावमुक्त भी रखता है।
> हालांकि इसके विपरीत
आपका पार्टनर सही नहीं है
या फिर आपका उससे
संबंध ठीक नहीं है तो इस
बात का प्रभाव आपके
स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
> जो लोग विवाह पर
यकीन नहीं रखते यदि वह
इस तथ्य से रूबरू हो जाएं
कि शादी से सेहत बनती है
और इंसान के जीवन की
तत्कालिक परिस्थितियां
बदल जाती हैं तो निश्चित
तौर पर वह शादी में और
रिश्तों में यकीन करने
लगेंगे।
> शादी केवल भौतिक सुख
ही नहीं देती, बल्कि इससे
महिलाओं और पुरूषों को
अपनी जिम्मेदारियों का
अहसास होता है, एक
परिवार को बनाने की खुशी
मिलती है।
> शादी न सिर्फ अच्छी
सेहत बनाती है बल्कि
अकेलेपन को भी दूर करती
है। साथ ही जो लोग
विवाहित होते हैं उनकी
औसत उम्र भी ज्यादा होती
है।
> शादी से व्यक्ति न सिर्फ
सेहतमंद रहता है बल्कि
वैवाहिक जीवन लोगों की
चिंताएं और परेशानियां भी
दूर करता है। दरअसल हर
किसी को हमेशा जीवन में
कोई ऐसा व्यक्ति चाहिए
होता है जिससे वह अपने
मन की बात खुल कर कह
सके। अगर मन में लगातार
कोई चिंता, कोई अवसाद
घिरा रहेगा तो उसका शरीर
पर लगातार बुरा असर
पड़ता है।
न एक दिन ऐसा पल आता
है जब वह शादी के बंधन में
बंधता है। हालांकि किसी के
जीवन में ये पल जल्दी
आता है, तो किसी के जीवन
में देर में। आप शादी के
बंधन में बंधने के बाद कई
अच्छी बुरी परिस्थितियों से
गुजरते हैं। शोधों से भी यह
बात स्पष्ट हो चुकी है कि
शादी का बंधन पुरूषों को
तंदरूस्त बनाता है और
महिलाओं के मानसिक
स्वास्थ्य को बेहतर बनाता
है। हालांकि देर से शादी
करने में भी कोई बुराई
नहीं। आइए जानें शादी से
सेहत कैसे बनती है।
> जाहिर सी बात है कि
यदि कोई आपकी सही
देखभाल और अतिरिक्त
केयर करने वाला मिलेगा
तो आप निश्चिततौर पर
स्वस्थ होंगे।
> शादी का बंधन ऐसा
तोहफा है जिससे आपका
साथी न सिर्फ आपको
भावनात्मक सपोर्ट करता है
बल्कि आपकी इच्छा-
अनिच्छा का भी खास
ख्याल रखता है।
> शोधों में यह बात
सुनिश्चित हो चुकी हैं कि
एक दूसरे की परवाह करने
वाले कपल एकल जीवन
जीने वालों की तुलना में
ज्यादा खुशहाल और स्वस्थ
रहते हैं।
> दरअसल, शादीशुदा
पुरुष इसलिए स्वस्थ रहते
हैं क्योंकि उनकी पत्नियां
उनकी अच्छे से देखरेख
करती है और वहीं दूसरी
और पुरुष महिलाओं को
भावनात्मक रूप से सहारा
देते हैं।
> आमतौर पर कहा जाता है
कि खुशी इंसान को न सिर्फ
हेल्दी जीवन देती है बल्कि
तनावमुक्त रखती है और
प्यार ऐसा भावनात्मक
लगाव है जो अतिरिक्त
देखभाल के साथ-साथ
तनावमुक्त भी रखता है।
> हालांकि इसके विपरीत
आपका पार्टनर सही नहीं है
या फिर आपका उससे
संबंध ठीक नहीं है तो इस
बात का प्रभाव आपके
स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
> जो लोग विवाह पर
यकीन नहीं रखते यदि वह
इस तथ्य से रूबरू हो जाएं
कि शादी से सेहत बनती है
और इंसान के जीवन की
तत्कालिक परिस्थितियां
बदल जाती हैं तो निश्चित
तौर पर वह शादी में और
रिश्तों में यकीन करने
लगेंगे।
> शादी केवल भौतिक सुख
ही नहीं देती, बल्कि इससे
महिलाओं और पुरूषों को
अपनी जिम्मेदारियों का
अहसास होता है, एक
परिवार को बनाने की खुशी
मिलती है।
> शादी न सिर्फ अच्छी
सेहत बनाती है बल्कि
अकेलेपन को भी दूर करती
है। साथ ही जो लोग
विवाहित होते हैं उनकी
औसत उम्र भी ज्यादा होती
है।
> शादी से व्यक्ति न सिर्फ
सेहतमंद रहता है बल्कि
वैवाहिक जीवन लोगों की
चिंताएं और परेशानियां भी
दूर करता है। दरअसल हर
किसी को हमेशा जीवन में
कोई ऐसा व्यक्ति चाहिए
होता है जिससे वह अपने
मन की बात खुल कर कह
सके। अगर मन में लगातार
कोई चिंता, कोई अवसाद
घिरा रहेगा तो उसका शरीर
पर लगातार बुरा असर
पड़ता है।