चाइनीज गर्भावस्था कैलेंडर को बहुत ही ऐतिहासिक माना जाता है
और यह लगभग 700 साल पुराना भी माना जा रहा है ।
हर गर्भवती महिला में इस बात को लेकर भी उत्साह रहता है
कि उसका होने वाला बच्चा लड़का होगा या लड़की। आज चीनी
कैलेंडर का प्रयोग होने वाले बच्चें का लिंग पता करने में किया
जा रहा है। चाइनीज कैलेंडर में यह बात ध्यान में रखी जाती है
कि गर्भधारण के दौरान मां की लूनर एज क्या थी । होने वाले
बच्चे के लिंग का पता करने के लिए यह बहुत ही जानी मानी पद्धति है।
चीनी कैलेंडर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि सबसे पहले बेजिंग
में स्थित विज्ञान संस्थान में इसकी खोज हुई। कुछ लोगों का
कहना है कि यह चार्ट पेकिंग के पास टांब में मिला और अब
यह पेकिंग के विज्ञान संग्रहालय में रखा गया है। बहुत सी
वेबसाइट्स ने माना है कि यह लगभग होने वाले बच्चे का
90 प्रतिशत तक सही लिंग बताता है।
चीनी लूनर एज और महीने इस चार्ट का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले तो आपको
गर्भवती महिला की सही उम्र का पता होना चाहिए। लेकिन
यह उम्र चाइनीज़ लूनर महीने के अनुसार ही होनी चाहिए।
आनलाइन टूल की मदद से आप चाइनीज़ लूनर महीने का
पता लगा सकते हैं।
अगर आप 1 जनवरी और 20 फरवरी के बीच पैदा हुई हैं,
तो अपने जन्म की सही तारीख के अलावा अपनी
वास्तविक उम्र को भी लिखें ।
अगर आपका जन्म 21 फरवरी या 31 दिसंबर के बीच
हुआ है, इस तारीख के अलावा अपनी वास्तविक उम्र
में एक साल और जोड़ लें ।
इसके बाद आपको गर्भधारण के सही समय का पता
लगाना है और वह भी चीनी कैलेंडर के अनुसार ही होगा।
चीनी कैलेंडर का प्रयोग एक बार आपने अपनी चाइनीज़ लूनर एज और गर्भधारण
का समय निकाल लिया है, तो अब आप इस कैलेंडर के
प्रयोग से बच्चे का लिंग पता कर सकते हैं।
चाइनीज प्रेग्नेंसी कैलेंडर में बायीं तरफ दिये गये अंक
गर्भधारण के समय मांस की उम्र बताते हैं।
चाइनीज कैलेंडर में सबसे ऊपर दी गई तारीख यह
दर्शाती है कि गर्भधारण कब हुआ।
कैलेंडर में मां की उम्र और गर्भधारण की तारीख देखते
हुए आप जब उस स्थान पर पहुंचते हैं जहां कि दोनों लाइनें
मिलती हैं, वही स्थान बच्चे का लिंग दर्शाता है।
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