शनिवार, 8 अक्टूबर 2011

तिमाही गर्भ निरोधक इंजैक्शन


प्रo तिमाही गर्भनिरोधक
इंजैक्शन क्या है?
उo तिमाही गर्भ निरोधक
इंजैक्शन अनचाहे गर्भ को
रोकने का एक उपाय है। यह
अनचाहे गर्भ को रोकने की
इच्छुक महिलाओँ के लिए
एक सरल और सुरक्षित
उपाय है। यह 99.796
प्रतिशत प्रभावशाली है।

प्रo यह सूई कहाँ लगाई
जाती है?
उo यह महिला के बांह या
कूल्हे मेँ लगाई जाती है।

प्रo यह गर्भ निरोधक
इंजैक्शन कब लगवाया जा
सकता है?
उo पहली सूई के बाद हर3
महिने मेँ एक सूई लगवाएं।
यह इंजैक्शन हर 3 महिने
मेँ लगवाना बहुत जरूरी है,
पर यदि किसी कारण से
इसे निर्धारित तारीख पर न
लगपा पाएं तो उस तारीख
से 2 हफ्ते पहले या 2 हफ्ते
बाद भी लगवा सकती हैँ।
यदि 2 हफ्ते से ज्यादा देर
हो जाए तो अगली सूई
लगवाने तक या तो यौन
संबंध न बनाएं अथवा यौन
संबंध मेँ सुरक्षित गर्भ
निरोधक अपनाएं।

प्रo महिलाओँ को कब
इसकी शुरूआत करनी
चाहिए?
उo जब आपको पक्का
यकीन हो कि आप गर्भवती
नहीँ हैँ। आमतौर पर
मासिक चक्र शुरू होने के
बाद अगले 7दिनोँ मेँ इसकी
शुरूआत की जा सकती है।
गर्भपात करवाने के या गर्भ-
पात होने के तुरन्त बाद भी
इसे लगवाया जा सकता है।
यदि आप स्तनपान करवा
रही हैँ तो प्रसव के 40 दिन
के बाद ये इंजैक्शन लगवा
सकती हैँ। स्तनपान न
करवाने वाली महिलाएं भी
प्रसूति के तुरंत बाद इंजैक्शन
लगवा सकती हैँ।

प्रo दूध पिलाने वाली माँएं
भी इसे ले सकती हैँ?
उo जी हाँ, दूध पिलाने
वाली माँओँ के लिए भी यह
सुरक्षित है।

प्रo तिमाही गर्भनिरोधक
इंजैक्शन कैसे असर करता
है?
उo तिमाही गर्भ निरोधक
के दौरान अण्डाशय मेँ अण्डा
विकसित नहीँ होता इसलिए
स्त्री गर्भवती नहीँ होती है
साथ ही गर्भाशय की अन्दरूनी
परत भी गददेदार नहीँ बनती ।

प्रo क्या इस इंजैक्शन
(डिपो प्रोवेरा 150 mg) का
प्रयोग बंद करने के मैँ माँ
बन सकती हूँ ?
उo बिल्कुल, इसका आपकी
गर्भधारण क्षमता पर कोई
असर नहीँ पड़ेगा। ज्यादातर
महिलाओँ मेँ आखिरी इंजैक्शन
के असर खत्म होने के 5-6
महिने बाद माहवारी शुरू
हो जाती है और गर्भधारण
क्षमता पहले जैसी हो जाती
है।

प्रo क्या तिमाही गर्भनिरोधक
इंजैक्शन के इस्तेमाल से
मेरे शरीर मेँ कोई बदलाव
आयेगा या मेरी सेहत पर
कोई असर पड़ेगा ?
उo इससे आपकी सेहत पर
कोई असर नहीँ पड़ेगा पर
आपके मासिक चक्र मेँ परी-
वर्तन जरूर आयेगा। कुछ
महिलाओँ को शुरूआती
महिनोँ मेँ अनियमित रक्त
स्त्राव और दाग-धब्बे आ
सकते हैँ फिर माहवारी धीरे
-धीरे बन्द हो जायेगी। जब
तक आप सूई लगवाती
रहेँगी यह असर रहेगा। जब
आप सूई लगवाना बंद कर
देँगी तो माहवारी पुन: शुरू
हो जाएगी।

प्रo महिलाओँ को गर्भ निरोधक
इंजैक्शन क्योँ चुनना चाहिए ?
उo क्योँकि एक सूई से आप
3 महिने के लिए निश्चिँत
हो सकती हैँ। इस इंजैक्शन
से माँ के दूध की मात्रा या
उसके गुणोँ पर कोई असर
नहीँ पड़ता बल्कि यह तो
मासिक रक्तस्त्राव मेँ कमी
लाकर एनीमिया को रोकने
मेँ सहायता करता है।

प्रo क्या यह इंजैक्शन सभी
महिलाओँ के लिए ठीक
रहेगा ?
उo यह इंजैक्शन अधिकतर
महिलाओँ को लगाया जाता
है लेकिन कुछ एक अवस्थाओँ
मेँ इसे नहीँ देते मसलन
लीवर रोग, हाई ब्लड प्रैशर
आदि। अगर आपको यह
इंजैक्शन लेना हो तो अपनी
स्त्री-रोग विशेषज्ञ से संपर्क
करेँ।

शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2011

क्योँ होता है सिर दर्द


सिर दर्द एक आम बीमारी
है। आमतौर से 90 प्रतिशत
व्यक्तियोँ मेँ एक बार सिर
दर्द होता ही है। 40 प्रतिशत
व्यक्तियोँ मेँ वर्ष मेँ एक बार
बहुत तेज सिर दर्द होता है।

*सिर दर्द के बहुत से कारण
हैँ, गम्भीर रोगोँ के प्रति भी
यह इशारा कर सकता है।

*सिर दर्द का आम कारण
टेँशन होता है जो आज के
युग मेँ आम बात है।

*सिर दर्द के रोगी का रक्त-
चाप अवश्य नाप लेना
चाहिए क्योँकि बढ़ा हुआ
रक्तचाप इस लक्षण का एक
आवश्यक कारण है।

*बार-बार जुकाम वाले
रोगी को जो सिर दर्द
साइनासाइटिस की वजह से
होता है। जो सूर्य के बढ़ते-
बढ़ते बढ़ता जाता है और
सूर्यास्त होते-होते घटने
लगता है। आगे झुकने पर
यह दर्द बढ़ जाता है।

*मस्तिष्क की झिल्लियोँ मेँ
सूजन(मेनिँगजाइटिस) सिर
दर्द का एक प्रमुख कारण है।
रोगी तेज रोशनी से बचने
का प्रयास करता है।

*ब्रेन ट्यूमर सिर दर्द का
खतरनाक कारण है, इसका
निदान सीoटीo स्केन से
होता है पर ये आवश्यक
नहीँ कि हर सिर दर्द के
मरीज का सीoटीo स्केन
करा लिया जाये।

*एक तरफा सिर दर्द
माइग्रेन का लक्षण है।

*सिर पर चोट लगने के
बाद सिर दर्द होना एक
आम बात है।

*किसी चीज की आदत को
एकदम से छोड़ना सिर दर्द
का कारण हो सकता है। जैसे
- धुम्रपान या शराब।

*तेज बुखार मेँ सिर दर्द हो
सकता है।

*नीँद का पूर्ण न होना सिर
दर्द का आम कारण है।

*आँखोँ का रोग जिसे
ग्लूकोमा कहते हैँ, मेँ सिर
दर्द होता है साथ मेँ उल्टी
होना पाया जाता है।

*यदि चश्मे की आवश्यकता
है और उसका उपयोग नहीँ
किया जाये तो सिर दर्द हो
सकता है।

*दाँतोँ की तकलीफ मेँ सिर
दर्द हो सकता है।

*सिर दर्द को साधारण रोग
ने समझकर चिकित्सक की
राय लेना आवश्यक है। दर्द
की दवाई से सिर दर्द घट
जायेगा पर जब तक मूल
कारण का पता न लग जाये
वह बार-बार होता रहेगा।

बुधवार, 5 अक्टूबर 2011

डायबिटिज वाले क्या खायेँ


आहार मेँ कुछ food
substance ऐसे होते हैँ
जिन्हेँ अवश्य शामिल करना
चाहिए जैसे- ओट्स,
सोयाबीन, हरी चाय, जौँ
तथा ईसबगोल।

ओट्स या ओटमील:-इसमेँ
एक विशिष्ट प्रकार का
फाइबर पाया जाता है जिसे
वीटा ग्लूकोज कहते हैँ। यह
घुलने वाला फाइबर होता है
और शरीर को बुरे
कोलेस्ट्रोल एलoडीoएलo
से लड़ने मेँ मदद करता है।
सबसे बड़ी बात तो यह है
कि यह केवल बुरे
कोलेस्ट्रोल को ही
कम करता है और अच्छा
कोलेस्ट्रोल एचoडीoएलo
शरीर मेँ बरकरार रहता है।
जिससे शरीर मेँ एलoडीo एलo और एचoडीoएलo
कोलेस्ट्रोल के बीच बेहतर
अनुपात रहता है।

सोयाबीन :- सोयाबीन
शरीर को हाइपरकोले-
स्ट्रोमिया से बचाता है और
शरीर मेँ बुरे कोलेस्ट्रोल
एलoडीoएलo को घटाता है।

हरी चाय :- कई शोधोँ से
यह सिद्व हुआ है कि काली
या हरी चाय पीने से शरीर
मेँ कोलेस्ट्रोल का जमाव,
रक्तचाप आदि नियंत्रित
होते है। चाय मेँ फोलिक
एसिड होता है जो कि इंसान
को कैँसर तथा हृदय रोग से
बचाता है ।

जौँ :- जौँ मेँ स्वास्थ्यवर्धक
प्रभाव पाए जाते हैँ। जौँ
शरीर मेँ से 15 प्रतिशत
तक बुरे कोलेस्ट्रोल को
निकाल सकता है। जौँ मेँ भी
बीटा ग्लूकोज पाया जाता है
जो कि घुलने वाला फाबर
है।

ईसबगोल :- ईसबगोल भी
बेहद फायदेमंद होता है।
यह भी शरीर का कोलेस्ट्रोल
कम करता है। पेट ठीक
रखने मेँ भी मददगार होता है।

 
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