बुधवार, 5 अक्टूबर 2011

डायबिटिज वाले क्या खायेँ

आहार मेँ कुछ food substance ऐसे होते हैँजिन्हेँ अवश्य शामिल करनाचाहिए जैसे- ओट्स, सोयाबीन, हरी चाय, जौँतथा ईसबगोल।ओट्स या ओटमील:-इसमेँ एक विशिष्ट प्रकार का फाइबर पाया जाता है जिसे वीटा ग्लूकोज कहते हैँ। यह घुलने वाला फाइबर होता है और शरीर को बुरे कोलेस्ट्रोल एलoडीoएलoसे लड़ने मेँ मदद करता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह केवल बुरे कोलेस्ट्रोल को हीकम करता है और अच्छाकोलेस्ट्रोल एचoडीoएलoशरीर मेँ बरकरार रहता है।जिससे शरीर मेँ एलoडीo एलo और एचoडीoएलoकोलेस्ट्रोल के बीच बेहतरअनुपात रहता है। सोयाबीन :- सोयाबीन शरीर को हाइपरकोले-स्ट्रोमिया से बचाता है औरशरीर मेँ बुरे कोलेस्ट्रोलएलoडीoएलo को घटाता है।हरी चाय :- कई शोधोँ सेयह सिद्व हुआ है कि कालीया हरी...

गुरुवार, 29 सितंबर 2011

रत्नोँ के लाभ

आजकल गली-चौराहे वचौपाटियोँ पर जगह-जगहरत्नोँ की दुकानेँ खुल गई हैँ।विक्रेता रत्न के बारे मेँ जानेँया ना जानेँ, पर इस फायदेमंद धंधे को अपनाने से पीछेनहीँ हटते। वे जानते हैँ कि आजकलरातोँ-रात लखपति बनने केसपने आदमी देखता है।रोगमुक्त जीवन जीनाचाहता है। फिर इन रत्नोँ की जानकारी चाशनीदारभाषा मेँ रूपान्तरित करखरीदार के समक्ष पेश करनेमात्र से लाभ ही लाभ है तोक्या बुरा है।आपको बता देँ कि कोई भीरत्न अच्छे जानकार से पूछे बगैर धारण न करेँ। बिनासोचे-समझे पहननेँ परसंभवतः आपको हानि हीहाथ लगेगी।आइए आपको रत्नोँ की संक्षिप्त जानकारी देँ :-1. माणिक्य :- यह सिँहराशि का रत्न है जो सूर्य केदोषोँ को दूर करता है।इसकेअलावा यह सिर, हृदय, पेटव नेत्रोँ पर प्रभाव डालता...

सोमवार, 26 सितंबर 2011

क्योँ आता है जल्दी बुढ़ापा?

आज भी मॉर्डन जीवन शैलीमेँ जल्दी बुढ़ापा आने कामतलब है कि शारीरिकऔर मानसिक तौर परजल्दी कमजोर हो जाना।दरअसल बढ़ती उम्र हमेँजीवन के आखिरी पड़ावबुढ़ापा या वृद्वावस्था तकपहुँचाता है। वृद्वावस्था वह अवस्थाहोती है जब शरीर की सुनने, देखने, बोलने, सूंघने, जीभ, त्वचा, मानसिक क्षमता काकाम करने की योग्यताक्षीण होने लगती है लेकिनमॉर्डन जमाने मेँ यहअवस्था जल्द ही इंसान कोअपने वश मेँ करने लगतीहै।जल्दी वृद्वावस्था आने केकारण :- > भागती-दौड़ती जीवन शैली, > गलत खाने की आदतेँ,> शराब व तंबाकू का सेवन।रोकथाम के उपाय:-> रोजमर्रा जीवन मेँ योगाव आयुर्वेद का उपयोग करना।> स्वादोँ 'मीठा, खट्टा, कड़वा, तीखा, नमकीन' कासंतुलित सेवन करना।> कैलोरी के सेवन व खपतमेँ...

शनिवार, 17 सितंबर 2011

सपनोँ मेँ भी महिलाओँ से भेदभाव

रात मेँ सोते समय सपनेदेखना एक आम बात है।हम सब कुछ हसीन सपनेदेखते हैँ लेकिन कभी-कभीसपने हमेँ अच्छा-खासा डराभी देते हैँ।विशेषज्ञोँ के दावे को सहीमाने तो सपनोँ की दुनियामेँ भी महिलाओँ के साथभेदभाव होता है। एक रिसर्च के मुताबिक पुरूषोँके मुकाबले महिलाओँ कोज्यादा डरावने सपनेदिखाई देते हैँ।शोधकर्ताओँ का कहना हैकि रात को सोते वक्त महिलाओँ को आने वालेसपने मेँ हार्मोन महत्वपूर्णभूमिका निभाता है। शोध से यह तथ्य सामने आयाहै कि सपने के विषय तयकरने मेँ महिलाओँ के हार्मोन चक्र की भूमिका होती है। माहवारी से पहलेमहिलाएं ज्यादा भावनात्मकऔर डरावने सपने देखती हैँमहावारी की वजह से शरीर के तापमान मेँ आया अंतर सपनो की जड़ है।शोधदल की प्रमुख डाँक्टरजेन्नी पार्कर का...

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