शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

दमा रोग को बेकाबू न होने दें

दमा यानि ब्रोंकिअल अस्थमा एक तकलीफ़ देह श्वांस रोग है,जो किसी भी उम्र,लिंग और आर्थिक वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है।यह एक व्यापक रोग है और इसके कई रूप हैं। पर मूलत: या इसमें सांस की नलियाँ बार-बार कुछ समय के लिए सिकुड़ जाती हैं।तब बीमार को सांस लेते और छोड़ते समय तकलीफ़ होती है, छाती में सांय-सांय होती है, भीतर बलगम जमा हुआ मालूम होता और दम फूलने लगता है।दवाओं और आराम करने से प्राय: राहत तो मिल जाती है, लेकिन रोग कभी भी फिर से हो जाता है। अभी हाल में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में इसी रोग के बावत एक जापानी अध्ययन की रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इसके मुताबिक बीमारी के लक्षण रोग की गम्भीरता का पूरा पता नहीं देते और इसलिये मरीज इस...

गुरुवार, 28 जून 2012

कंप्यूटर से आंखोँ का बचाव

आज के हाईटेक जमाने मेँ कंप्यूटर के बिना काम करने की कल्पना भी नहीँ की जा सकती है। जब हर रोज सात-आठ घंटे कंप्यूटर पर काम करना हो तो आंखोँ पर इसका प्रभाव तो पड़ता ही है। कंप्यूटर से होने वाली इन तकलीफोँ को कंप्यूटर विजन सिँड्रोम का नाम दिया गया है। समय रहते इसके लक्षणोँ को समझकर बचाव के लिए उपाय भी किये जा सकते हैँ।कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण1. आंख और सिर मेँ भारीपन।2. धुंधला दिखना।3. आंख मेँ जलन या खुजली।4. आंखोँ का सूखा रहना।5. पास का देखने मेँ दिक्कत।6. रंगोँ को पहचानने मेँ मुश्किल।7. आंखोँ के अलावा गर्दन, कमर और कंधोँ मेँ दर्द होना।ये सभी कंप्यूटर विजन के लक्षण हैँ।आंखोँ मेँ तकलीफ के डर से कंप्यूटर को तो नहीँ छोड़ा जा सकता है, क्योँ ना कुछ बुरी आदतोँ को छोड़ दिया जाए और फायदे वाले टिप्स आजमा लेँ।इन उपायोँ से बचायेँ आंखेँ1. कंप्यूटर पर काम करते समय आंख की पलकोँ को थोड़ी-थोड़ी देर बाद झपकाते...

बुधवार, 11 जनवरी 2012

फैटी लिवर(जिगर)

बीमारी का स्वरूपजैसा कि मर्ज के नाम से ही स्पष्ट है कि इस मर्ज मेँ वसा का एक खास प्रकार ट्राईग्लिसराइड्स का स्तर लिवर(जिगर) मेँ बढ़ जाता है। वसा का यह बढ़ा हुआ स्तर आंशिक तौर पर लिवर के स्वस्थ ऊतकोँ(टिश्यूज) को बदल देता है। इस स्थिति मेँ लिवर का आकार थोड़ा बढ़ जाता है और यह कुछ भारी भी हो जाता है और यह पीलापन लिए दिखता है। इस मर्ज की शिकायत गर्भावस्था के कारण, अत्यधिक मात्रा मेँ शराब का सेवन या फिर एल्कोहलिक सिरोसिस नामक मर्ज के कारण संभव है।एक शोध के द्वारा यह निष्कर्ष निकला है कि हाईग्लाईसीमिक फूड्स के अंतर्गत व्हाइट ब्रेड, चावल, शुगर और ब्रेकफास्ट मेँ प्रयोग किए जाने वाले 'रेडी टू ईट सीरियल्स' जैसे फास्ट फूड्स मैगी, बर्गर आदि को शामिल किया जा...

शुक्रवार, 18 नवंबर 2011

दिल के मरीजोँ के लिए लहसुन का तेल फायदेमंद

एक शोध के अनुसार लहसुन का तेल हार्ट पेशेँट के लिए बेहद फायदेमंद है। खास तौर पर हार्ट अटैक के बाद पेशेँट को ठीक रखने के लिए।लहसुन के तेल मेँ मौजूद डायलिल ट्राइ सल्फाइड नामक पदार्थ कार्डियक सर्जरी के दौरान हार्ट को मजबूती देता है। शोध के अनुसार डायलिल ट्राई सल्फाइड नामक पदार्थ हाइड्रोजन सल्फाइड के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता ...

 
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