मंगलवार, 14 अक्टूबर 2014

अनेक दुःखों में कारगर है हल्दी।

हल्दी अपने औषधीय और सौंदर्यवर्धक गुणों के कारण रसोई की शान रही है। चटक पीले रंग के कारण भारतीय केसर के नाम से भी प्रसिद्ध हल्दी पौष्टिक गुणों से भरी हुई है। हड्डियों को मजबूत बनाए:- रात को सोते समय हल्दी की एक इंच लंबी कच्ची गांठ को एक गिलास दूध में उबालें। थोड़ा ठंडा होने पर इसे पी लें। ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों का खतरा कम होता है। गठिया का इलाज:- हल्दी इस रोग के इलाज के लिए अनूठा घरेलू प्राकृतिक उपाय है। सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म दूध में एम चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से गठिया के दर्द में राहत मिलती है। एनीमिया के उपचार में प्रभावी:- लोहे से समृद्ध हल्दी एनीमिया के इलाज के प्राकृतिक उपायों में एक है। कच्ची हल्दी से निकाला गया आधा चम्मच...

मंगलवार, 22 जुलाई 2014

तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने की धारणा के पीछे की वास्तविकता का वैज्ञानिक समर्थन !

हममें से ज्यादातर लोगों ने अपने दादा-दादी से तांबे के बर्तन में संग्रहीत पानी पीने के स्वास्थ्य लाभों के बारे में सुना होगा। कुछ लोग तो पानी पीने के लिए विशेष रूप से तांबे से बने गिलास और जग का उपयोग करते हैं। लेकिन क्या इस धारणा के पीछे वास्तव में कोई वैज्ञानिक समर्थन है? या यह एक मिथक है बस? तो आइए तांबे के बर्तन में पानी पीने के बेहतरीन कारणों के बारे में जानें.. तांबे के बर्तन में पानी पीना अच्छा क्यों है? आयुर्वेद के अनुसार, तांबे के बर्तन में संग्रहीत पानी में आपके शरीर में तीन दोषों (वात, कफ और पित्त) को संतुलित करने की क्षमता होती है और यह ऐसा सकारात्मक पानी चार्ज करके करता है। तांबे के बर्तन में जमा पानी 'तमारा जल' के रूप में भी...

शुक्रवार, 20 जून 2014

ज्यादा उम्र तक जीने राज !

मनोवैज्ञानिक भी कहते हैं कि लंबी उम्र का राज आपकी लाइफस्टाइल में नहीं, आपके विचारों में छिपा है. अगर आपके विचार सकारात्मक होंगे, आप जिन्दगी के प्रति बेहतर दृष्टिकोण रखेंगे तो निश्चित तौर पर यह आपकी आयु सीमा को बढ़ाएगा. आप अपने विचारों से स्वस्थ रहेंगे तो इसका प्रभाव आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा. फिर इस बात से क्या फर्क पड़ता है कि आज सुबह आप मॉर्निंग वॉक पर गए थे या नहीं, हेल्दी खाना खाया था नहीं, व्यायाम किया था नहीं, कहीं शराब ज्यादा तो नहीं पी ली, सिगरेट का सेवन ज्यादा तो नहीं हो गया…....

मंगलवार, 17 जून 2014

केवल चार घंटे का जीवन है दिल का।

दिल को सिर्फ 4 घंटे तक ही सुरक्षित रख सकते हैं। इसे जितनी जल्दी मरीज के शरीर में ट्रांसप्लांट कर दिया जाए,उतने ही ऑपरेशन के सफल होने की संभावना बढ़ जाती ...

रविवार, 2 मार्च 2014

अब खून की जाँच से ही पता चल सकेगा कैंसर (ट्यूमर) का।

न्यूयॉर्क/ भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक रघु कल्लुरी द्वारा किए गए शोध में पता चला है कि खून की सामान्य जांच से ही अग्न्याशय कैंसर के बारे में पता लगाया जा सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के एमडी एंडरसन डिपार्टमेंट ऑफ कैंसर बायोलॉजी में प्राफेसर कल्लुरी ने बताया। इस शोध से डॉक्टरों को खून की जांच से ही कैंसर का पता लगाने और उसके इलाज में मदद मिलेगी। हमारा मानना है कि खून के नमूने से लिए गए एक्सोसोम (छोटे कण) डीएनए के विश्लेषण से शरीर में किसी भी स्थान पर कैंसर ट्यूमर के बारे में पता लगाया जा सकता है। इससे शरीर में होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए ट्यूमर के सैंपल की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे प्रारंभिक चरण में कैंसर का पता...

शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2014

अंडे की जर्दी खाइये और बच्चे पैदा करने की क्षमता बढाइये।

अंडे के फायदों को लेकर तो आपने बहुत कुछ सुना होगा लेकिन इसकी पीली जर्दी का यह फायदा बच्चे की चाहत रखने वाले प्रत्येक दम्पति को जानना चाहिए। है न्यूयॉर्क पोस्ट में प्रकाशित खबर के अनुसार अंडे का पीला भाग और सोया तेल के सेवन से तीन बार आईवीएफ ट्रीटमेंट में नाकाम हो चुकी दंपत्ति को बच्चा हुआ है। ब्रिटिश दंपत्ति मार्क और सुजैन हार्पर ने कई बार गर्भपात और तीन बार आईवीएफ ट्रीटमेंट में असफलता के बाद डॉक्टरी परामर्श पर अंडे की जर्दी और सोया तेल के मिश्रण का सेवन शुरू किया और इससे उन्हें गर्भ धारण में सफलता भी मिली। ब्रिटेन के केयर फर्टिलिटी नोटिंघम के फर्टिलिटी विशेषज्ञों की मानें तो इन दोनों में मौजूद फैटी एसिड की वजह से सुजैन को गर्भ धारण करने में...

सोमवार, 27 जनवरी 2014

अब बदल पाएंगे अपनी आँखों के रंग को।

रंगीन कॉन्टेक्ट लेंस युवा पीढ़ी के बीच काफी लोकप्रिय हो गए हैं। 25 वर्षीय फैशन मॉडल पुनीत शर्मा, जब स्कूल में पढ़ रहे थे, तभी उन्हें नीली आंखों के प्रति आकर्षण हो गया था। शर्मा कहते हैं, जब मैं 15 साल का था, तभी से कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करता आ रहा हूं, लेकिन बाद में मेरी आंखों में संक्रमण होना शुरू हो गया। मेरे माता- पिता भी मुझे कॉन्टेक्ट लेंस से छुटकारा दिलाना चाहते थे, क्योंकि मेरी आंखों की समस्याओं के कारण वे बार- बार नेत्ररोग विशेषज्ञ के पास जाकर थक चुके थे। पुनीत ने मुझसे मुलाकात की। मैंने कृत्रिम आईरिस इंप्लांटेशन किया। सर्जरी के लिए उपयुक्त पाये जाने से पहले उन्हें कई प्रकार के परीक्षण कराने को कहा गया। प्रत्येक आंख की सर्जरी में...

शनिवार, 25 जनवरी 2014

सर्दियों में कंधे के दर्द में बरतें सावधानी

आजकल कंधे के दर्द की समस्या आम होती जा रही है। आखिर क्या कारण हैं कंधे में दर्द के, इससे जुड़े कौन से रोग हैं और क्या हैं इनके उपचार, बता रहे हैं मैक्स अस्पताल, पीतमपुरा, के आथरेपेडिक्स और ज्वॉइंट रिकंस्ट्रक्शन के प्रमुख डॉ. निश्चल चुघ कंधे का दर्द एक बहुत ही आम शिकायत है। सर्दियों के दौरान तो यह अक्सर बुजुर्ग महिलाओं में देखने को मिलता है। भारत में कंधे के दर्द की घटनाएं लगभग 68 प्रतिशत लोगों में देखी जाती है। दरअसल, हमारा कंधा तीन हड्डियों से बना है। ऊपरी बांह की हड्डी, कंधे की हड्डी और हंसली। ऊपरी बांह की हड्डी का शीर्ष कंधे के ब्लेड के एक गोल सॉकेट में फिट रहता है। यह सॉकेट ग्लेनोइड कहलाता है। मांसपेशियों और टेंडन्स का संयोजन बांह की हड्डी...

गुरुवार, 23 जनवरी 2014

ऐसे पाएं सर्दियों में डैंड्रफ फ्री बाल

बालों में डैंड्रफ की समस्या सर्दियों में अधिक बढ़ जाती है क्योंकि सर्दियों में त्वचा और बालों में खुश्की ठंडी हवाओं के कारण ज्यादा आ जाती है। पानी कम पिया जाता है। गर्म पानी से स्नान और गर्म पेयों का सेवन भी बढ़ जाता है। इससे शरीर की त्वचा और बालों में खुश्की बढ़ जाती है और बाल भी अधिक गिरने लगते हैं। गर्म पानी से सिर धोने के कारण सिर की त्वचा की तैल ग्रंथियां ज्यादा तेल निकालती हैं जिससे रूसी बनती है। अगर आप भी परेशान हैं इस समस्या से तो ध्यान दें कुछ बातों पर जिससे आपके बाल भी रह सकें डैंड्रफ फ्री। ● बालों में बार-बार कंघी करने से तैल ग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं और तेल अधिक निकलता है जिससे रूसी बनती है। बालों में कंघी दिन भर में तीन-चार बार ही...

रविवार, 19 जनवरी 2014

पेट(stomach) के कैंसर को समय रहते ठीक कर सकते हैं।

पेट में किसी भी कोशिका (सेल) के असामान्य या अनियंत्रित तरीके से बढ़ने को सहज भाषा में पेट का कैंसर कहा जाता है। ये पेट की भीतरी परतों में फैलता हुआ धीरे-धीरे बाहरी परतों पर आता है। इसलिए शुरुआत में इस बीमारी का पता भी नहीं चल पाता है। लक्षण:- इस रोग की शुरुआती अवस्था में लक्षण स्पष्ट रूप से प्रकट नहीं होते। रोग के लक्षण काफी हद तक अल्सर या पेट के अन्य विकारों जैसे होते हैं, जिन्हें अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। फिर भी इन लक्षणों के प्रकट होने पर सजग हो जाना चाहिए.. ● अक्सर बदहजमी की शिकायत। ● पेट में अक्सर दर्द महसूस करना। ● भूख में कमी महसूस होना और खाए बगैर पेट भरा हुआ महसूस करना। ● काले रंग का मल निकलना। ● खाना खाने के बाद उल्टी होना। ●...

शनिवार, 18 जनवरी 2014

प्रेम हॉर्मोन क्या होता है?

क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप किसी शोरगुल वाले स्थान पर होते हैं। तब आप सिर्फ उसी व्यक्ति की बात क्यों सुन पाते हैं, जो आपके सामने है या जिसे आप सुनना चाहते हैं। बाकी लोगों की आवाज पर आपका ध्यान क्यों नहीं जाता। ऐसा हमारे मस्तिष्क में मौजूद सामाजिक और पैतृक संबधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 'प्रेम हॉर्मोन' के कारण ऐसा होता है, जिसे ऑक्सीटोसिन कहते हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया है कि ऑक्सीटोसिन किस तरह एक न्यूरो हॉर्मोन की तरह काम करते हुए न केवल हमारे दिमाग से पीछे के शोर को कम कर देता है, बल्कि वांछित संकेतकों को प्रबल बना देता है। एनवाईयू लैंगोन मेडिकल सेंटर के न्यूरोसाइंस इंस्टीट्यूट के निदेश रिचर्ड डब्ल्यू सीन ने...

मंगलवार, 14 जनवरी 2014

गर्भावस्था के स्ट्रैच मार्क्स

एक हालिया सर्वेक्षण में सामने आया है कि भारतीय महानगरों और उप नगरों में नई तथा बनने वाली 87 प्रतिशत माँऐं डिलीवरी से पहले या बाद में अपने शरीर की दिखावट को लेकर चिंतित रहती हैं। 90 प्रतिशत नई तथा बनने वाली मां इस बात से सहमत हैं कि स्ट्रैच मार्क्स उनके लिए सर्वाधिक चिंता का विषय होते हैं। क्या हैं गर्भावस्था के स्ट्रैच मार्क्स :जच्चा-बच्चा विशेषज्ञों के अनुसार जैसे-जैसे पेट के अंदर बच्चा विकसित होता है तो इसके आसपास की त्वचा में खिंचाव आता है। हालांकि हमारी त्वचा में एक निश्चित मात्रा तक लचक होती है, फिर भी त्वचा में इसके सामर्थ्य से अधिक खिंचाव आता है। कुछ निश्चित प्रकार की गर्भावस्था में यदि बच्चा आकार में बड़ा हो तो दबाव बहुत अधिक होता है। गर्भावस्था...

सोमवार, 13 जनवरी 2014

ब्लड ग्रुप ए वालों को अधिक होता है गंजापन

एलोपेसिया यानी गंजापन केवल जीन के प्रभाव के कारण ही नहीं होता है बल्कि ब्लड ग्रुप ए के प्रभाव से भी होता है। प्लास्टिक सर्जन डॉ. तेजिंदर भट्टी ने अलग अलग ब्लड ग्रुप्स के ऊपर शोध किया जिसमें पता चला कि ए पॉजीटिव ब्लड ग्रुप के पुरुषों में बाकी ब्लड ग्रुप्स की तुलना में अधिक गंजापन होता है। डॉ. भट्टी ने बताया कि मरीज पानी, शैंपू की क्वालिटी इत्यादि को गंजेपन का कारण मानते हैं इसके अलावा ब्लड ग्रुप भी उतना ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ए पॉजीटिव ब्लड ग्रुप के लोगों में बी विटामिंस खासतौर पर बायोटिन को ग्रहण(सोखने) की क्षमता कम होती है। जिसके कारण बालों की (मोटाई)थिकनेस कम होती जाती है। एक व्यक्ति के लिए 5 एमजी(mg) बायोटिन रोजाना लेना जरूरी होता...

रविवार, 12 जनवरी 2014

घरेलू नुस्खों से करें दांतों की रक्षा।

सुंदर, सुडौल और चमकीले दांत एक ओर हमारी सुंदरता को बढ़ाते हैं, वहीं ये हमारे व्यक्तित्व को भी प्रभावशाली बनाते हैं। मानव शरीर का यह अंग हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। सुंदर दांत वालों की हंसमुख प्रकृति और हंसता चेहरा एक प्रसन्नचित व्यक्ति का प्रमाण है। मानव काया के सुचारू संचालन के लिए जिस ऊर्जा और शक्ति की हमें आवश्यकता है, वह हम भोजन से प्राप्त करते हैं। भोजन का प्रत्येक कण हमारे शरीर को शक्ति, ऊष्मा और स्फूर्ति प्रदान करता है। पाचन क्रिया का पहला कार्य दांतों से ही प्रारम्भ होता है और भोजन को सुपाच्य बनाने में इसका सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान होता है। अत: भोजन को खूब चबाकर खाना चाहिए ताकि जब चबाया हुआ अन्न पेट में जाए तो दांतों...

शुक्रवार, 10 जनवरी 2014

अनार में सेहत का राज

एक अनार सौ बीमार वाली कहावत आपने सुनी ही होगी। मीठा अनार तीनों दोषों का शमन करने वाला, तृप्तिकारक, वीर्यवर्धक, हल्का, कसैले रसवाला, बुद्धि तथा बलदायक एवं प्यास, जलन, ज्वर, हृदयरोग, कण्ठरोग, मुख की दुर्गन्ध तथा कमजोरी को दूर करने वाला है। खटमिट्ठा अनार अग्निवर्धक, रूचिकारक, थोड़ासा पित्तकारक व हल्का होता है। पेट के कीड़ों का नाश करने व हृदय को बल देने के लिए अनार बहुत उपयोगी है। इसका रस पित्तशामक है। इससे उल्टी बंद होती है। अनार पित्तप्रकोप, अरूचि, अतिसार, पेचिश, खांसी, नेत्रदाह, छाती का दाह व व्याकुलता दूर करता है। सिर दर्द: गर्मियों में सिरदर्द हो, लू लग जाये, आँखें लाल-लाल हो जायें तब अनार का शरबत गुणकारी सिद्ध होता है। इसका रस स्वरयंत्र,...

बुधवार, 8 जनवरी 2014

सर्दियों में थकान का ज्यादा होना

थकान के लक्षण आप ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं। अक्सर आलस और उत्साह की कमी पाते हैं। हमेशा उनींदा महसूस करते हैं। आपकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम हो जाती है। निर्णय लेने में कठिनाई होती है। कई बार अवसादग्रस्त महसूस करते हैं। आयरन की कमी बढ़ाती है थकान : थकान का सबसे सामान्य चिकित्सकीय कारण है आयरन की कमी यानी एनीमिया। यह 20 में से एक पुरुष और मेनोपॉज के स्तर को पहुंच चुकी महिलाओं में होता है, लेकिन यह समस्या उन महिलाओं में 25-30 प्रतिशत होती है, जिन्हें पीरियड्स होते हैं। गर्भवती महिलाएं भी आमतौर पर एनीमिया से पीडित होती हैं। अगर महिलाएं प्रतिदिन 18 मिलीग्राम और पुरुष 8 मिलीग्राम से कम आयरन ले रहे हैं तो उनके शरीर को ठीक तरह से काम करने के लिए...

मंगलवार, 7 जनवरी 2014

कुछ सामान्य लक्षणों से जाने कैंसर का संकेत

कुछ ऐसे सामान्य लक्षण हो सकते हैं जिन्हें आप रोजमर्रा की थकान समझ कर छोड़ सकती हैं। यदि आप भी इनमें से कोई लक्षण निरंतर तौर पर खुद में देखती हैं तो जांच अवश्य करवाएं... बहुत अधिक वजन घटना यदि डाइटिंग करने या कसरत के कारण आपका वजन कम हो रहा है तो यह ठीक बात नहीं है परंतु यदि आप जीवन शैली संबंधी आदतों में कोई परिवर्तन देखे बिना अपना वजन घटता हुआ देख रही हैं तो यह कई प्रकार के कैंसर से जुड़ा हो सकता है जिनमें पैंक्रियास या पेट का कैंसर शामिल हैं। बुखार लगातार बना रहने वाला बुखार लिम्फोमा या ल्यूकीमिया जैसे ब्लड कैंसर का प्रारंभिक संकेत हो सकता है। यदि आपको लगातार बुखार रहता है तो आपको डाक्टर से अवश्य मिलना चाहिए। यहां तक कि यदि यह कैंसर नहीं है...

सोमवार, 6 जनवरी 2014

हाथों की त्वचा का रंग भी सेहत के बारे में कुछ बताता है

हैल्थ और पर्सनैलिटी का आईना होते हैं हाथ, इनमें हुनर ही नहीं, स्वास्थ्य के भी राज हैं। पहले वैद्य एवं हकीम रोगी की आंखों, हाथ, नाखून और त्वचा की रंगत और शरीर के तापमान से ही रोग का पता लगा लेते थे, आज भले ही नई तकनीकें इस क्षेत्र में आ गई हैं परंतु पुरानी तकनीक से हम रोग की दस्तक को पहले ही पहचान कर उसका उपचार करा सकते हैं। आप भी अपने ही नहीं बल्कि दूसरों के हाथों पर भी नजर रख उनके स्वास्थ्य के बारे में काफी हद तक जान सकती हैं ताकि समय रहते आप उसका उपचार भी ढूंढ सकें। हालांकि किसी भी रोग की सही जानकारी के लिए आज कई प्रकार के टैस्ट कराए जाते हैं पर वे निशानियां आज भी नहीं बदलीं और स्वास्थ्य में होने वाले बदलावों को सहज ही बता जाती हैं। नाखू...

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