सोमवार, 8 नवंबर 2010

सर्दी व जुकाम का नई दवा से अब स्थायी इलाज संभव।

ठंड का मौसम शुरू होते ही सर्दी व जुकाम की समस्या आम हो जाती हैँ, लेकिन क्या आपको पता है कि अब आप इससे खुद को बचा सकते हैँ। यह संभव हो सका हैँ नई दवा की खोज से।


Scientists ने शरीर मेँ मौजूद एक ऐसी महत्वपूर्ण system की खोज करने मेँ सफलता पाई है, जिससे Coldness & winter vomiting जैसी समस्याओँ से निपटने मेँ शरीर खुद सक्षम हो सकेगा। इस उल्लेखनीय खोज से जहाँ अब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली(Immun System) को समझने मेँ मदद मिल सकेगी, वहीँ इसके माध्यम से सामान्य germs को भी दूर करने मेँ सहायता मिलेगी।
Specialists ने बताया कि अगले दशक तक ऐसे पाऊडर व गोलियाँ मार्केट मेँ मिल सकेँगी, जिनके द्धारा जुकाम के दौरान होने वाली कफ, छीँक व दर्द की समस्या को नोरोवायरस के द्धारा ठीक किया जा सकेगा।
Scientists के द्धारा खोजी गई इस महत्वपूर्ण दवा के द्धारा शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा क्षमता को cold virus से सुरक्षा के लिए और अधिक मजबूत किया जाता है, क्योँकि cold virus नाक, फेफड़े व पेट की कोशिकाओँ को न केवल संक्रमित करते हैँ बल्कि उसमेँ जगह बना लेते हैँ और वहीँ ब्रीडिँग भी करते हैँ। पहले ऐसा माना जाता था कि antibodies virus हमलोँ को झेल लेती हैँ और उन्हेँ कोशिकाओँ से बाहर फेँकने मेँ सक्षम होती हैँ। लेकिन ताजा रिपोर्ट मेँ पाया गया कि antibodies भी उसी वक्त कोशिकाओँ मेँ प्रवेश करती हैँ, जब virus कोशिकाओँ मेँ प्रवेश कर रहे होते हैँ और एक बार virus जब कोशिकाओँ के अन्दर प्रवेश कर जाते हैँ, उसके बाद ही antibodies श्रृंखलाबद्ध कोशिशोँ के जरिए virus को नष्ट करने मेँ सफल हो पाती हैँ।
रिपोर्ट कहती है कि कोशिकाओँ से virus को निकाल भगाने मेँ TRIM-21 नामक Protein कि महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसकी सहायता से ही antibodies virus को निकालने मेँ सफल होती हैँ। TRIM-21 Protein, virus द्धारा क्षतिग्रस्त की गई कोशिकाओँ को शीघ्रता से दुरूस्त करने मेँ सक्षम है।
Scientists द्धारा बनाई गई नई दवा TREM-21 प्रोटीन लेवल मेँ वृद्धि करती है, जिससे Cold virus जैसे अन्य तमाम वायरसोँ के हमलोँ से भी कोशिकाओँ की रक्षा आसानी से की जा सकेगी।
शीर्ष शोधकर्ता डाँ. लियो जेम्स कहते हैँ कि TREM-21 की प्रचुरता से एंटीबाँडीज वैक्टीरिया से लड़ने मेँ शक्तिशाली हैँ, लेकिन बावजूद इसके कुछ एंटीवायरस दवाओँ का इस्तेमाल भी जरूरी है।



-: MY OTHER BLOGS :-


> SANSAR(Ghazals)

> प्रेरक-विचार

> बचत और निवेश

शनिवार, 30 अक्तूबर 2010

पुरूष शराब की ओर अधिक आकर्षित क्योँ होते हैँ?

सामान्यतया देखा गया हैँ कि पुरूष शराब की ओर अधिक आकर्षित होते रहेँ हैँ। Scientists ने अब इस संबंध मेँ महत्वपूर्ण खोज की है। एक शोध के अनुसार पुरूषोँ मेँ बाँयोलाँजिकल विशिषता के कारण शराब के प्रति आकर्षण अधिक होता हैँ। उन्होँने पाया कि एक निश्चित अवधि मेँ बीयर और वाइन पीने वाले पुरूषोँ ने अधिक आनंद का अनुभव किया। पाया गया कि अल्कोहल लेने के बाद पुरूष का मस्तिष्क अधिक मात्रा मेँ डोपामिन पदार्थ उत्पन्न करता हैँ। डोपामिन की मात्रा दिमाग के उस हिस्से को प्रभावित करती है, जहाँ से सर्वाधिक आनंद की अनुभूति होती है।

कोलम्बिया यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डाँ. नीना अर्बन ने बताया कि पुरूषोँ के दिमाग द्धारा अधिक मात्रा मेँ डोपामिन उत्पन्न किया जाना ही अल्कोहल के प्रति पुरूषो के मजबूत संबंध को दर्शाता हैँ, क्योँकि डोपामिन ही पुरूषोँ को अधिक मात्रा मेँ शराब सेवन के लिए उकसाता है।
आपके लिए अन्य लेख:-

रोगों के अनुसार अलसी का सेवन करें।
अलसी में सेक्स समस्या का समाधान।
तिमाही गर्भ निरोधक इंजैक्शन।
शादी के बाद बनती है अच्छी सेहत
क्या आप जानते है कि बेटी पैदा करने की ख्वाहिश कैसे पूरी हो सकती है?
कुछ सामान्य लक्षणों से जानें कैंसर का संकेत
बढ़ती उम्र में घटती आँखों की रोशनी को कैसे बढाएं।

-: MY OTHER BLOGS :-

> SANSAR(Ghazals)
> प्रेरक-विचार
> बचत और निवेश

शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

बढ़ती उम्र मेँ घटती आँखों की रोशनी को कैसे बढ़ायेँ?

विटामिन ए से युक्त दवा आपको उम्र बढ़ने के साथ
होने वाली दृष्टिहीनता से बचा सकती हैं। शोधकर्ताओं
के मुताबिक यह दवा बुढापे में होने वाली दृष्टिहीनता
के सबसे सामान्य कारणों को दूर करती है।
शोधकर्ताओ द्वारा प्रस्तुत नई दवा "फेनरीटिनाइड" उम्र
बढ़ने के साथ मांसपेशियों में होने वाली क्षति को रोकती
है। इसे रोकने के लिए अब तक कोई इलाज उपलब्ध
नहीं था। यह दवा रेटिना के उस हिस्से की कोशिकाओं
की क्षति और मृत्यु को रोकती हैं जो सामने की ओर
सीधी दृष्टि के लिए आवश्यक होती है। पहले रेटिना की
ये कोशिकाएं नष्ट हो जाने से दृष्टि के बीचों-बीच एक
काला धब्बा बना दिखाई देता था। इस बजह से लोगों
को रोजमर्रा के कामों जैसे पढ़ने, वाहन चलाने या
टेलीविजन देखने में परेशानी होती है।

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने विटामिन ए से निकाले गए
"फेनरीटिनाइड" का अध्ययन किया था। यह विटामिन
गाजर में पाया जाता है और मुख्य रुप से गठिया की
बीमारी को रोकता है। अध्ययन में रेटिना में कोशिकाओं
के मृत होने के कारण दृष्टिहीनता का शिकार हो रहें
250 स्त्रियों और पुरुषों पर शोध किया गया। अध्ययन
के परिणाम बताते है कि दवा की अधिक खुराक देने
से एक साल के अन्दर दृष्टिहीनता रुक गई। इससे स्पष्ट
होता है कि यह दवा पहले से ही मृत कोशिकाओं के
लिए तो कुछ नहीं कर सकती, परन्तु स्वस्थ कोशिकाओं
को बचा सकती है।



-: MY OTHER BLOGS :-


> SANSAR(Ghazals)

> प्रेरक-विचार

> बचत और निवेश

मंगलवार, 19 अक्तूबर 2010

बैक्टीरिया करेँगे अब वायरस का सफाया

दही मेँ पाये जाने वाले बैक्टीरिया को Scientists ने 'चांदी की बुलेट' मेँ तब्दील कर दिया है।
Scientists का दावा हैँ कि चांदी के ये बुलेट फ्लू और ठंड से लड़ेगेँ और वायरस का
सफाया करेँगे। Scientists ने पाया कि चांदी कि पतली परतोँ पर नुकसान नहीँ पहुँचाने
वाले इन बैक्टीरिया को लगाने से उनमेँ वायरस को खत्म करने की मारक शक्ति आ जाती हैँ।


Scientist ने चांदी मेँ पिरोय गए इन बैक्टीरिया को नोरोवायरस के खिलाफ लगाया और पाया कि ये बैक्टीरिया उन्हेँ प्रभावहीन कर देते हैँ। नोरोवायरस दुनिया भर मेँ होने वाले आँत्रशोथो (Enteritis) के 90% मामलोँ के लिए जिम्मेदार होते है। अनुसंधानकर्ताओँ का मानना है कि इसी तकनीक से अब इन्फ्लूएन्जा और सर्दी पैदा करने वाले अन्य वायरस का भी खात्मा किया जा सकेगा ।



-: MY OTHER BLOGS :-


> SANSAR(Ghazals)

> प्रेरक-विचार

> बचत और निवेश

रविवार, 10 अक्तूबर 2010

एलोवेरा ( ग्वारपाठा )मेँ स्वास्थ्य का खजाना

एलोवेरा अपने असंख्य औषधिय गुणोँ और अच्छे स्वाद के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहा हैँ। प्रमुख्यतः इसका जूस काफी लोकप्रिय हैँ और इसके जूस को एक बर्ष तक सुरक्षित रखा जा
सकता है। एलोवेरा मेँ 75 पोषक तत्व तथा 200 सक्रिय कम्पाऊण्ड पाये जाते हैँ जिनमेँ
20 खनिज तत्व, 18 अमिनो एसिड तथा 12 विटामिन्स मुख्यतः हैँ। इसके अलावा कई अन्य
अनजाने यौगिक तत्व भी इसमेँ पाये जाते हैँ।
 इसके पत्तोँ से रस निकालकर या इसका रस
 जिसे एलो जैल कहा जाता हैँ। बाजार से खरीद कर पिया जा सकता हैँ। इसके रस को
उपलब्ध तमाम स्वास्थ्यवर्धक पौष्टिक पूरकोँ मेँ से सर्वश्रेष्ट पूरक माना जाता हैँ। प्राकृतिक
उत्पाद होने के कारण न तो इसका कोई साइड इफैक्ट होता हैँ और न ही इसके प्रयोग से
कोई व्यक्ति इसका आदी होता हैँ बल्कि यह जैविक रूप से शरीर के लिए एकदम उपयुक्त
होता है। इसके रस के सेवन से जहाँ बीमार व्यक्ति अपना स्वास्थ्य ठीक कर सकता है वहीँ
 स्वस्थ व्यक्ति इसके सेवन से अपने स्वास्थ्य को बनाएँ रखकर अधिक समय तक जबान
बना रह सकता हैँ।
(1.) यह जोड़ो की सूजन तथा माँस पेशियोँ को सक्रिय बनाये रखने मेँ सहायता करता है।

( 2. ) इसमेँ कोलाजन तथा इलैस्टिन नामक फायबर पाया जाता हैँ जो कि हमारे शरीर के
उत्तकोँ की टूट-फूट होँने पर उनकी मरम्मत करता हैँ।

( 3.) इसमेँ anti-oxidents पाये जाते हैँ जोकि हमारे शरीर मेँ उत्पन्न Free-readicals को naturally detoxifying करते हैँ।

(4.) यह हमारे प्रतिरक्षण तन्त्र को मजबूत बनाता है। इसके लिए हमेँ रोजाना 20ml - 30ml तक इसका जूस पीना चाहिए।

( 5.) हमारे भोजन मेँ बहुत-सी गैर जरूरी चीँजे भी होती है, जिनकी बजह से हमेँ आलस्य तथा थकान होती है। एलोवेरा जूस रोजाना 20ml-30ml की मात्रा मेँ पीने से शरीर मेँ अन्दर से भरपूर तन्दुरूस्ती तथा ताजगी का अहसास होता है तथा ऊर्जा का उच्च स्तर बना रहता है और बजन शरीर के अनुकूल रहता है।

( 6.) एलोवेरा जूस पीने से हमारी आँते सक्रिय बनी रहती हैँ जिससे ये protein अच्छे से अवशोषित करती है तथा नुकसानदेह बैक्टीरिया को कम करता हैँ।

( 7.) इसमेँ फाइब्रोब्लास्ट की क्षमता को बढ़ाने की शक्ति होती हैँ। जिसके परिणामस्वरूप यह मामुली जलन, घावोँ, खरोचोँ, धूप की जलन और खाज-खुजली को कम करने मेँ भी सहायता करता हैँ।

( 8.) एलोवेरा विटामिन C तथा E का अवशोषण (Absorption) को बढ़ा देता है। जिससे हमारे दाँत तथा मसूड़े स्वस्थ रहते हैँ।

(9.) एलोवेरा जूस से हमेँ विटामिन A , B (B1, B2, B6, B12 ) , B, E, folic acid तथा Niacin प्रचुर मात्रा मेँ मिल जाता हैँ।

       अतः हम कह सकते हैँ कि एलोवेरा मेँ स्वास्थ्य का खजाना हैं।



-: MY OTHER BLOGS :-


> SANSAR(Ghazals)

> प्रेरक-विचार

> जाने अपने भाग्य , कैरियर और स्वास्थ्य के बारे मेँ अपने हाथ की रेखाओँ से

गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010

क्या आप जानते हैँ कि बच्चोँ मेँ आँखोँ का खतरा ज्यादा होता हैँ?

आमतौर पर कोई भी सामान्य बच्चा पूरे साल मेँ किसी वयस्क के
मुकाबले 3 गुना अधिक अल्ट्रा वाँयलेट किरणोँ को ग्रहण करता हैँ।
एक व्यक्ति जीवनभर मेँ जितना अल्ट्रा वाँयलेट किरणोँ के प्रभाव
को ग्रहण करता हैँ , उसका 80 प्रतिशत वह 18 साल तक झेल लेता हैँ।


विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर मेँ हर साल होने
वाली दृष्टिहीनता मेँ 1 करोड़ 70 लाख मोतियाबिँद के कारण होती हैँ।
तेज रोशनी दृष्टि को खराब करती है। ऐसे मेँ बच्चे की आँखोँ को सुरक्षा
देने का प्रयास करेँ। इसके लिए बच्चोँ के चश्मेँ मेँ फोटोक्रोमिक लैँस का
प्रयोग करना एक बेहतर विकल्प हैँ।



-: MY OTHER BLOGS :-


> SANSAR(Ghazals)

> प्रेरक-विचार

> बचत और निवेश

बुधवार, 22 सितंबर 2010

क्या आप जानती हैँ कि आपके लिए ज्यादा प्रोटीनयुक्त भोजन हानिकारक हो सकता हैँ ?

संतुलित भोजन का एक अहम घटक माना जाने वाला प्रोटीन (protein) , ज्यादा मात्रा मेँ सेवन करने पर महिलाओँ के लिए मुसीबत बन सकता हैँ। Specialists का मानना हैँ कि महिलाओँ मेँ protein की ज्यादा मात्रा calcium की कमी का कारण बन सकती है।


दूसरी ओर specialist इस बात पर जोर देते हैँ कि Iron और calcium महिलाओँ के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं क्योँकि इनसे उनके शरीर की मूलभूत आवश्यकतायेँ पूरी होती हैँ। स्त्री रोग specialist डाँ. मालती जोशी कहती हैँ , " हर उम्र की महिलाओँ के लिए अलग-अलग पोषक तत्व जरूरी होते हैँ। हालांकि Iron और calcium हर उम्र की महिलाओँ के लिए आवश्यक हैँ।" उन्होँने बताया कि आम धारणा के विपरीत महिलाओँ को ऐसा भोजन ज्यादा नहीँ लेना चाहिए , जिसमेँ बहुत मात्रा मेँ protein हो। High protein diet महिलाओँ मेँ calcium को नष्ट करती है , जो बाद मेँ Osteoporosis (हड्डियोँ का कमजोर होना ) का कारण बन सकती है।

हालांकि गर्भवती महिलाओँ को ज्यादा से ज्यादा प्रोटीनयुक्त भोजन लेना चाहिए क्योँकि यह उनके बच्चे के विकास के लिए बहुत आवश्यक है। एक सर्वेक्षण के अनुसार विकासशील देशोँ मेँ हर चौथी महिला एनीमिया ( खून की कमी ) की शिकार है। इस बीमारी को दूर करने के लिए specialists आमतौर पर पालक जैसी हरी सब्जियोँ , ब्रोकोली और टमाटर खाने की सलाह देते हैँ।

Specialists के अनुसार महिलाओँ मेँ आम तौर पर मासिक धर्म के बाद एनीमिया की शिकायत बढ़ जाती हैँ। महिलाओँ को इस दौरान अपने भोजन मेँ ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियोँ और दालोँ को शामिल करना चाहिए। ऐसी महिलाओँ को अपने भोजन मेँ टमाटर का जूस , संतरे का जूस और काली मिर्च को शामिल करना चाहिए ।



-: MY OTHER BLOGS :-


> SANSAR(Ghazals)

> प्रेरक-विचार

> बचत और निवेश

मंगलवार, 7 सितंबर 2010

क्या आप जानते हैँ कि बेटी पैदा करने की ख्वाहिश कैसे पूरी हो सकती हैँ?

अगर आप संतान के रुप मेँ बेटी चाहती हैँ तो एक  study के अनुसार आप केले खाना बन्द करने
 के साथ- साथ नमक का सेवन भी कम करेँ और नियमित रुप से यौन सम्बन्ध बनाएं।

 Scientists ने एक study मेँ पाया कि सही खान-पान तथा यौन सम्बन्ध का समय बच्चे के लड़का
 या लड़की होने (Sex-determination) के लिहाज से काफी अहमियत रखता है।


 बेटी की चाहत रखने वाली महिलाओँ को calcium  तथा magnesium युक्त चीजेँ खानी चाहिये।
जैसेकि :- दही, सख्त पनीर, डिब्बाबंद सल्मोन,रुबार्ब, पालक, टोफू, बादाम, दलिया, फूल गोभी,
संतरे, काजू, गेहूँ की बाली, अंजीर तथा सेम आदि।

बेटी कि चाहत रखने वाली महिलाओँ को sodium तथा potasium की अधिकता वाले food products
के सेवन से बचना चाहिये। जैसेकि :- जैतून, सुअर का माँस, आग पर भूनी गई सल्मोन मछली, खुश्बूदार चावल, आलू तथा पेस्ट्री आदि।

इसके अलावा scientists ने सुझाव दिया ह कि बेटी की ख्वाहिश रखने वाली महिलाओँ को नियमित
रुप से यौन सम्बन्ध बनाने चाहिए हालांकि यह काम डिम्बोत्सर्ग(Ovulation) से ठीक पहले या तुरन्त
बाद नहीँ करना चाहिए।

 बहरहाल, scientists ने दावा किया हैँ कि पिता के खान-पान का बच्चे के लिँग निर्धारण पर कोई
असर नहीँ पड़ता हैँ।



-: MY OTHER BLOGS :-


> SANSAR(Ghazals)

> प्रेरक-विचार

> बचत और निवेश

 
Powered by Blogger