शनिवार, 17 सितंबर 2011

सपनोँ मेँ भी महिलाओँ से भेदभाव


रात मेँ सोते समय सपने
देखना एक आम बात है।
हम सब कुछ हसीन सपने
देखते हैँ लेकिन कभी-कभी
सपने हमेँ अच्छा-खासा डरा
भी देते हैँ।

विशेषज्ञोँ के दावे को सही
माने तो सपनोँ की दुनिया
मेँ भी महिलाओँ के साथ
भेदभाव होता है। एक
रिसर्च के मुताबिक पुरूषोँ
के मुकाबले महिलाओँ को
ज्यादा डरावने सपने
दिखाई देते हैँ।

शोधकर्ताओँ का कहना है
कि रात को सोते वक्त
महिलाओँ को आने वाले
सपने मेँ हार्मोन महत्वपूर्ण
भूमिका निभाता है। शोध
से यह तथ्य सामने आया
है कि सपने के विषय तय
करने मेँ महिलाओँ के
हार्मोन चक्र की भूमिका
होती है। माहवारी से पहले
महिलाएं ज्यादा भावनात्मक
और डरावने सपने देखती हैँ
महावारी की वजह से
शरीर के तापमान मेँ आया
अंतर सपनो की जड़ है।

शोधदल की प्रमुख डाँक्टर
जेन्नी पार्कर का कहना है कि
माहवारी से महिलाएं
ज्यादा आक्रमक सपने
देखती हैँ। गर्भ के दौरान भी
सपनोँ के विषय मेँ बदलाव
आता है क्योँकि शरीर मेँ
हार्मोन का स्तर बढ़ जाता
है। साधारण महिलाएं भी
पुरूषोँ के मुकाबले अधिक
डरावने सपने देखती हैँ।


सपनोँ का मतलब :-



किसी का पीछा करना
:-
समस्या का सामना करने
से बचना, यह आपके
व्यक्तित्व को भी दिखाता है।


गिरना
:- खुद को पराजित
महसुस करना, यह व्यक्ति
के हारने की प्रवृति को भी
दिखाता है।

2 comments:

बेनामी ने कहा…

Great article and blog and we want more :)

बेनामी ने कहा…

mujhe bachpan se ek sapna aata h jisme mere piche ke cheel (चील) lagi h aur m us se chipta fir raha hu
aur meri right hand pe ek snake chappa h bachpan se natural
ans. De plz
vijaymalday@yahoo.com

 
Powered by Blogger